Stock Market: 9 जनवरी 2025 का शेयर बाजार: गिरावट के साथ शुरुआत, वैश्विक संकेतों का दबाव

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Stock Market: आज, 9 जनवरी को भारतीय शेयर बाजार में कमजोरी देखने को मिली। निफ्टी और सेंसेक्स दोनों ही लाल निशान में कारोबार कर रहे थे। पब्लिक सेक्टर बैंकों और रियल्टी सेक्टर के स्टॉक्स ने बाजार को नीचे खींचा। इसके अलावा, वैश्विक बाजारों में भी गिरावट रही, जिससे घरेलू निवेशकों के मनोबल पर असर पड़ा।
सुबह की शुरुआत:
आज सुबह बाजार ने कमजोरी के साथ शुरुआत की। सुबह करीब 9:20 बजे सेंसेक्स 255.36 अंक यानी 0.33 प्रतिशत गिरकर 77,893.13 अंक पर था। वहीं, निफ्टी 79.95 अंक यानी 0.34 प्रतिशत गिरकर 23,609.00 अंक पर पहुंच गया। इस दौरान, करीब 1,379 शेयरों ने बढ़त बनाई, जबकि 1,324 शेयरों में गिरावट आई और 116 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ। यह संकेत था कि बाजार में बेचने का दबाव बढ़ा हुआ है।
वैश्विक संकेत:
वैश्विक बाजारों में भी आज नकारात्मक रुझान रहा। एशिया-प्रशांत के अधिकांश बाजारों में गिरावट आई, जिसका मुख्य कारण यह था कि महंगाई पर चिंता बढ़ रही है। निवेशकों को डर है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व महंगाई को नियंत्रित करने के लिए नीतियों में बदलाव में देरी कर सकता है। इसके अलावा, चीन में उपभोक्ता वस्तुओं की महंगाई में कमी का असर भी भारतीय शेयर बाजार पर पड़ा, जिससे निवेशकों का मनोबल गिरा।
विदेशी निवेशकों का दबाव:
विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिकी डॉलर इंडेक्स 109 और 10 साल की सरकारी बॉंड यील्ड 4.67 प्रतिशत के आसपास रहने से विदेशी संस्थागत निवेशक (FIIs) के द्वारा लगातार बिकवाली जारी रह सकती है। यह घरेलू बाजार पर दबाव बनाएगा, जिससे बाजार की स्थिति कमजोर हो सकती है। हालांकि, कंपनियों की तिमाही आय रिपोर्ट्स के बाद बाजार में कुछ सुधार भी हो सकता है, क्योंकि ये रिपोर्ट्स बाजार की दिशा तय करेंगी।
सेंसेक्स और निफ्टी के प्रदर्शन की समीक्षा:
सेंसेक्स और निफ्टी दोनों प्रमुख इंडेक्स गिरावट में थे, लेकिन ब्रॉडर बाजार यानी मिड और स्मॉल कैप स्टॉक्स में भी कमजोरी आई।
मिड कैप और स्मॉल कैप इंडेक्स: मिड कैप 100 इंडेक्स में 0.2 प्रतिशत की गिरावट देखी गई, जबकि स्मॉल कैप इंडेक्स लगभग फ्लैट रहा। हालांकि, 2024 में इन दोनों इंडेक्स ने निफ्टी को पीछे छोड़ा है और इनमें 20 प्रतिशत से ज्यादा की बढ़त देखी गई, जबकि निफ्टी में केवल 9 प्रतिशत का सुधार हुआ है।
सेक्टर-विशेष प्रदर्शन:
बाजार के अलग-अलग सेक्टरों में गिरावट रही, और इनमें से कुछ प्रमुख थे:
निफ्टी PSU बैंक इंडेक्स: इस इंडेक्स में 1 प्रतिशत की गिरावट आई, जो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लिए एक नकारात्मक संकेत था। इसमें SBI, बैंक ऑफ बड़ौदा, और यूनियन बैंक जैसे बड़े बैंकों के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई।
प्राइवेट बैंक: HDFC बैंक, ICICI बैंक, और एक्सिस बैंक में भी 1 प्रतिशत तक की गिरावट आई, जो निवेशकों के लिए चिंता का कारण है।
रियल्टी और अन्य सेक्टर: निफ्टी एनर्जी, FMCG, इन्फ्रास्ट्रक्चर, ऑयल & गैस, और रियल्टी जैसे अन्य सेक्टरों में भी लगभग 0.5 प्रतिशत की गिरावट रही।
कंपनियों का प्रदर्शन:
कुछ प्रमुख कंपनियों के स्टॉक्स में भी आज उतार-चढ़ाव देखा गया:
हिंदाल्को: हिंदाल्को के शेयरों में हल्की बढ़त देखी गई। हालांकि, इसकी 100 प्रतिशत डाउनस्ट्रीम सब्सिडियरी नोवेलिस ने अपने adjusted EBITDA में गिरावट का अनुमान जताया है। नोवेलिस का EBITDA अनुमानित $360-$370 मिलियन के बीच हो सकता है, जो पिछले साल के $454 मिलियन से कम है। इसके बावजूद, हिंदाल्को के शेयरों में हल्की बढ़त बनी रही।
टाटा मोटर्स: टाटा मोटर्स के शेयरों में 1 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई। हालांकि, नोमुरा और मोर्गन स्टैनली ने टाटा मोटर्स के बारे में सकारात्मक रेटिंग दी है। नोमुरा ने उम्मीद जताई है कि कंपनी का फ्री कैश फ्लो (FCF) इस तिमाही में GBP 250 मिलियन तक पहुंच सकता है।
मनप्पुरम फाइनेंस: मनप्पुरम फाइनेंस के शेयरों में 6 प्रतिशत की तेजी आई, क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कंपनी की माइक्रोफाइनेंस शाखा, असिरवद माइक्रोफाइनेंस पर से प्रतिबंध हटा दिए हैं। इस फैसले से कंपनी के शेयरों में उछाल आया।
निफ्टी के टॉप गेनर्स और लूज़र्स:
टॉप गेनर्स:
कोटक महिंद्रा बैंक
Bajaj ऑटो
हिंदाल्को
टाटा मोटर्स
महिंद्रा एंड महिंद्रा
टॉप लूज़र्स:
एलएंडटी
SBI
अपोलो हॉस्पिटल्स
ONGC
ट्रेंट
आने वाले दिन:
विशेषज्ञों का कहना है कि यदि निफ्टी 23,500 के स्तर से नीचे जाता है, तो अगले कुछ दिनों में 23,200 और 23,000 तक गिरावट हो सकती है। वहीं, अगर निफ्टी 23,900-24,000 के स्तर को पार करता है, तो बाजार में उन्नति देखने को मिल सकती है।
साथ ही, जैसे-जैसे तिमाही आय रिपोर्ट्स आनी शुरू होंगी, बाजार की दिशा तय होगी। निवेशकों को सलाह दी जा रही है कि वे स्टॉक-विशिष्ट अवसरों पर ध्यान केंद्रित करें और बहुत चयनात्मक तरीके से निवेश करें।
निष्कर्ष:
बाजार में अभी भी उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी हुई है, और निवेशकों को सतर्क रहकर ही निवेश करना चाहिए। तिमाही परिणामों के बाद कुछ सुधार की उम्मीद हो सकती है, लेकिन फिलहाल बाजार पर बिकवाली का दबाव बना हुआ है।