Rupee Flexibility: रुपया अब होगा और लचीला! RBI के नए गवर्नर संजय मल्होत्रा का बड़ा कदम, जानें क्या होगा असर?

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Rupee Flexibility: भारत के नए रिजर्व बैंक गवर्नर संजय मल्होत्रा अब रुपये को अपने क्षेत्रीय साथियों के मुकाबले ज्यादा लचीलापन देने की सोच रहे हैं, लेकिन साथ ही वे इसे ज्यादा उतार-चढ़ाव से बचाने के लिए हस्तक्षेप भी करेंगे। यह जानकारी ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट से सामने आई है, जिसमें सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि मल्होत्रा ने फरवरी में होने वाली अपनी पहली मौद्रिक नीति बैठक से पहले भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मुद्रा हस्तक्षेप रणनीतियों का गहन अध्ययन किया है।

नए नेतृत्व में बदलाव की संभावना: मल्होत्रा ने दिसंबर में गवर्नर के रूप में कार्यभार संभाला था और उनकी योजना है कि वे रुपये की दैनिक उतार-चढ़ाव में ज्यादा लचीलापन प्रदान करें। इससे पहले, उनके पूर्ववर्ती शक्तिकांत दास के नेतृत्व में रुपये की अस्थिरता कम रही थी, और RBI ने मुद्रा की रक्षा के लिए $700 बिलियन से अधिक के विदेशी मुद्रा भंडार जमा किए थे।

रुपया गिरावट का सामना कर रहा है: हाल ही में रुपये ने डॉलर के मुकाबले 86.7025 का ऐतिहासिक निचला स्तर छुआ था, हालांकि इसके बाद थोड़ी रिकवरी भी हुई। इस गिरावट के पीछे विदेशी निवेशकों का बाजार से पैसा निकालना, बढ़ते तेल की कीमतें और मजबूत डॉलर जैसे कारण बताए जा रहे हैं। इस साल अब तक, निवेशकों ने शेयरों से $2 बिलियन और फिक्स्ड-इन्कम सिक्योरिटीज से $705.5 मिलियन निकाले हैं।

निर्यातकों की चिंताएं और नीति में बदलाव: निर्यातकों ने रुपये की स्थिरता को लेकर शिकायतें की थीं, क्योंकि उनका मानना है कि रुपये की स्थिरता व्यापार प्रतिस्पर्धा को नुकसान पहुंचा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ देशों ने अपनी मुद्राओं को कमजोर होने दिया है, जिससे उनके व्यापार में फायदा हुआ है। इसके कारण रिजर्व बैंक ने रुपये की असल प्रभावी विनिमय दर (REER) की जांच की, जो नवंबर में 108.14 पर पहुंच गई थी, यानी 8% अधिक मूल्यांकन हुआ था। इस पर विचार करते हुए, RBI ने ज्यादा लचीलापन देने की योजना बनाई है।

नियंत्रण जारी रहेगा: हालांकि RBI रुपये को ज्यादा लचीला बनाएगा, लेकिन तेल आयात के कारण बढ़ते बिल को ध्यान में रखते हुए इसे लेकर सतर्कता भी बरतेंगे। भारत 90% कच्चे तेल का आयात करता है, जिससे इस पर बड़ी निर्भरता बनी रहती है। RBI अब भी बाजार में अति उतार-चढ़ाव से बचने के लिए सक्रिय रूप से हस्तक्षेप करने की योजना बना रहा है।

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