Adani Shares: अडानी शेयरों में उथल-पुथल, निवेशकों की अलग-अलग चालें

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Adani Shares: नवंबर से अडानी के शेयरों में ऐसा भूकंप आया कि विदेशी निवेशकों ने अपने पांव खींच लिए। जी हां, अमेरिकी न्याय विभाग की नोटिस आते ही विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने अडानी के शेयरों को धड़ाधड़ बेचना शुरू कर दिया। लेकिन म्यूचुअल फंड वाले शतरंज की चाल में माहिर निकले, कुछ अडानी शेयरों को गले लगा लिया। वहीं, खुदरा निवेशकों ने भी ठान लिया कि चाहे कुछ भी हो, हम तो अडानी के साथ ही रहेंगे!
अडानी ग्रीन एनर्जी, अंबुजा सीमेंट्स, अडानी एनर्जी सॉल्यूशन्स और अडानी पोर्ट्स में FPI ने अपनी हिस्सेदारी घटा दी। अडानी ग्रीन में उनकी हिस्सेदारी 15.16% से 13.68% पर आ गई। बेचारे अंबुजा सीमेंट्स को भी 10.61% से 9.14% की हिस्सेदारी के साथ संतोष करना पड़ा। वहीं, अडानी एनर्जी सॉल्यूशन्स और अडानी पोर्ट्स के शेयरों में भी कमी आई।
खुदरा निवेशकों की बात करें तो, उन्होंने दिल बड़ा करके 4 से 120 आधार अंकों तक अपनी हिस्सेदारी बढ़ा ली। म्यूचुअल फंड भी कहां पीछे रहने वाले थे! अंबुजा सीमेंट्स में उनकी हिस्सेदारी 7.71% तक पहुंच गई, जबकि अडानी पोर्ट्स में 5.06% तक जा पहुंची। अडानी एनर्जी सॉल्यूशन्स और अडानी ग्रीन एनर्जी में भी म्यूचुअल फंड ने अपनी पकड़ मजबूत कर ली।
अब असली ड्रामा सुनिए! खबर आई कि गौतम अडानी पर अमेरिकी अभियोजकों ने 250 मिलियन डॉलर की रिश्वत के आरोप लगाए हैं। लेकिन अडानी ग्रुप ने साफ किया कि गौतम अडानी, सागर अडानी और वनीत जैन पर कोई भी कानूनी आरोप नहीं हैं।
इस खबर के बाद अडानी ग्रीन एनर्जी ने अपने डॉलर बॉन्ड ऑफर को ठंडे बस्ते में डाल दिया। और तो और, अडानी ग्रुप ने अडानी-विलमार जॉइंट वेंचर से बाहर निकलने का फैसला किया, जिससे उन्हें 50,000–52,000 करोड़ रुपये की पूंजी जुटाने का रास्ता मिल गया।
अब शेयरों की हालत सुनिए! सांगही इंडस्ट्रीज, अडानी ग्रीन एनर्जी, एनडीटीवी, अडानी टोटल गैस और अडानी एनर्जी सॉल्यूशन्स के शेयर 52-सप्ताह के उच्च स्तर से 62% तक लुढ़क गए हैं। अडानी पावर, अडानी एंटरप्राइजेज और अडानी विलमार के शेयर भी 35-40% तक नीचे आ गए हैं।
तो जनाब, अडानी के शेयरों का यह हाल देखकर निवेशकों के दिल जरूर धक-धक करने लगे होंगे!