HDFC बैंक का LDR पहली बार 100% से नीचे! धीमी ग्रोथ और नई रणनीति पर नजरें

HDFC
HDFC बैंक का लोन-टू-डिपॉजिट रेशियो (LDR) पहली बार 100 प्रतिशत से नीचे गिरा है, और इसकी वजह है धीमी लोन ग्रोथ और बड़ी संख्या में लोन का सिक्योरिटाइजेशन।
दिसंबर 2024 की तिमाही खत्म होने पर बैंक का LDR 99.2 प्रतिशत रहा, जो कि पिछली तिमाही के 100.76 प्रतिशत और पिछले साल की इसी तिमाही के 111.53 प्रतिशत से कम है।
अब ये सब बैंक की एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है। बैंक ने पहले ही कहा था कि वो इस साल अपने लोन बुक की ग्रोथ को धीमा रखेगा ताकि उसका LDR प्री-मर्जर स्तर पर वापस आ सके। अगले साल यानि 2025-26 में बैंक का प्लान है कि सिस्टम के साथ कदम से कदम मिलाकर चलना है, और 2026-27 में तो वो सिस्टम से भी तेज भागने का इरादा रखता है।
मर्जर से पहले बैंक का LDR लगभग 87 प्रतिशत था। लेकिन जब HDFC Ltd. का HDFC बैंक में मर्जर हुआ, तो ये बढ़कर 110 प्रतिशत तक पहुंच गया। 1 जुलाई 2023 को हुए इस मर्जर में बैंक को तो एक बड़ा लोन पोर्टफोलियो मिला, लेकिन डिपॉजिट्स उतने नहीं बढ़े।
अब जरा Q3 के बिजनेस अपडेट पर नजर डालते हैं। बैंक के ग्रॉस एडवांसेज में तिमाही-दर-तिमाही सिर्फ 0.9 प्रतिशत और सालाना 3 प्रतिशत की मामूली बढ़त हुई। ये आंकड़ा 25.42 लाख करोड़ रुपये पर आकर रुका, जो बाजार की उम्मीदों से काफी कम है।
अच्छी बात ये है कि रिटेल लोन में सालाना 10 प्रतिशत और कमर्शियल व रूरल बैंकिंग लोन में 11.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। हालांकि, कॉर्पोरेट लोन में 10.3 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली।
बैंक ने इस तिमाही में 21,600 करोड़ रुपये के लोन सिक्योरिटाइज किए, और इस वित्त वर्ष में अब तक कुल 46,300 करोड़ रुपये के लोन सिक्योरिटाइज कर चुका है।
डिपॉजिट्स की बात करें तो बैंक ने इस तिमाही में 63,500 करोड़ रुपये के डिपॉजिट जुटाए, जिससे उसका कुल डिपॉजिट 25.63 लाख करोड़ रुपये हो गया। डिपॉजिट्स की ग्रोथ लोन की ग्रोथ से ज्यादा रही, लेकिन बाजार की उम्मीदों से कम थी।
टाइम डिपॉजिट्स ने 22.7 प्रतिशत की शानदार ग्रोथ दिखाई और कुल 16.91 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गए। वहीं, करंट अकाउंट और सेविंग्स अकाउंट (CASA) डिपॉजिट्स की ग्रोथ सिर्फ 4.4 प्रतिशत रही और सीक्वेंशियल थोड़ी कमी भी आई। बैंक का CASA रेशियो अब 34 प्रतिशत पर आ गया है, जो पिछली तिमाही से थोड़ा कम है।
तो कुल मिलाकर, बैंक अपनी योजनाओं के अनुसार आगे बढ़ रहा है, लेकिन मार्केट की उम्मीदों से थोड़ी धीमी गति से। आगे देखने वाली बात होगी कि बैंक अपनी ग्रोथ की रफ्तार कैसे बढ़ाता