Tata Steel के शेयरों में धमाल! Q3 उत्पादन अपडेट से जुड़ी है बड़ी खबर

0
TATA Steel

TATA Steel

Tata Steel: आज टाटा स्टील के शेयरों में हलचल मची हुई है। कंपनी ने दिसंबर तिमाही में भारत में स्टील उत्पादन में शानदार 6 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की है। टाटा स्टील का उत्पादन अब 5.68 मिलियन टन तक पहुंच चुका है, जो पिछले साल की समान तिमाही के मुकाबले काफी बेहतर है। कंपनी ने इसे कलींगनगर में स्थित अपने नए 5 MTPA ब्लास्ट फर्नेस की शुरुआत से जोड़ा है, जो सितंबर में चालू हुआ था। इस नई तकनीकी मदद से टाटा स्टील को अपने उत्पादन को बढ़ाने में सफलता मिली है।

कंपनी ने बीएसई फाइलिंग के जरिए यह जानकारी दी कि नया ब्लास्ट फर्नेस वर्तमान में प्रतिदिन 8,000 टन स्टील का उत्पादन कर रहा है और इसे अपनी पूरी क्षमता तक पहुंचाने की प्रक्रिया जारी है। अब तक जनवरी से दिसंबर तक के नौ महीनों में कंपनी ने भारत में 16.2 मिलियन टन स्टील का उत्पादन किया है, जो पिछले साल के मुकाबले 5 प्रतिशत ज्यादा है। यह एक मजबूत वृद्धि दर्शाता है और टाटा स्टील की उत्पादन क्षमता में लगातार सुधार हो रहा है।

कंपनी के लिए एक और महत्वपूर्ण बात यह रही कि टाटा स्टील इंडिया ने तिमाही में अब तक की सबसे अच्छी डिलीवरी की है, जो 5.29 मिलियन टन रही। डिलीवरी में 4 प्रतिशत का इजाफा हुआ, जो घरेलू बाजार और निर्यात दोनों की मजबूत बिक्री का नतीजा है। इस वृद्धि का कारण कंपनी की मजबूत रणनीतिक उपस्थिति है, जो उसे घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में दोनों से बेहतर प्रदर्शन करने की क्षमता प्रदान करती है।

टाटा स्टील के यूरोपीय उत्पादन की बात करें तो वहां भी कंपनी ने साल दर साल 16 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। हालांकि, वहां के संचालन में कुछ चुनौतियां भी सामने आईं। नेदरलैंड्स में उत्पादन में कमी आ सकती है और यूके में नुकसान कम होने का अनुमान है। फिर भी, यूरोप में स्थित टाटा स्टील के कुछ ऑपरेशंस में स्थिति में सुधार की उम्मीद जताई गई है, और कंपनी ने इसे लेकर सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखा है।

नुवामा ने अपने क्यू3 अनुमान में कहा है कि टाटा स्टील का EBITDA (Earnings Before Interest, Tax, Depreciation, and Amortization) प्रति टन पिछली तिमाही से 1,760 रुपये घट सकता है। इसके पीछे की वजह स्टील की कीमतों में गिरावट और कच्चे माल की कीमतों में बदलाव को बताया गया है। इस गिरावट का मुख्य कारण यह है कि स्टील की कीमतें कम हो गई हैं और कच्चे माल की कीमतों में उतार-चढ़ाव आया है। हालांकि, यूरोप में टाटा स्टील के प्रदर्शन में सुधार की संभावना जताई गई है, जिससे कुछ राहत मिल सकती है।

कुल मिलाकर, टाटा स्टील का उत्पादन तो बढ़ा है, लेकिन अब सभी की नजरें उसके मार्जिन और यूरोपीय बाजार पर होंगी। अगर कंपनी यूरोपीय बाजार में अपनी स्थिति को और मजबूत करने में सफल रहती है और अपने मार्जिन को सुधारती है, तो वह अगले कुछ महीनों में बेहतर प्रदर्शन कर सकती है। अब देखना यह है कि कंपनी इस नई चुनौती को किस तरह से अपनाती है और किस रणनीति के तहत आगे बढ़ती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *