Electronics Manufacturing में बड़ा कदम: जल्द मिलेगी नई स्कीम को मंजूरी, अप्रैल से हो सकती है शुरुआत

0
electronics manufacturing

electronics manufacturing

Electronics Manufacturing: इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) की बहुप्रतीक्षित कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग स्कीम को लेकर बड़ी खबर आ रही है। सूत्रों के मुताबिक, इस महीने के आखिर तक सरकार इस स्कीम को हरी झंडी दिखा सकती है और अप्रैल से इसका आगाज हो सकता है।

दिसंबर में MeitY ने इंडस्ट्री के बड़े प्लेयर्स के साथ एक बैठक की, जिसमें मैन्युफैक्चरिंग में लगने वाले खर्च और सब्सिडी पर चर्चा हुई। इंडस्ट्री ने 40,000 करोड़ रुपये के बजट की मांग की है। हालांकि, अफवाहें ये भी हैं कि बजट 25,000 करोड़ रुपये तक घट सकता है, लेकिन अभी तक कोई पक्का फैसला नहीं हुआ है।

इस स्कीम का मकसद अगले 5-6 सालों में 50-60 अरब डॉलर के इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट्स का उत्पादन करना है। यह नई स्कीम SPECS की जगह लेगी, जिसने मार्च 2024 में अपनी पारी खत्म की थी। SPECS में मैन्युफैक्चरिंग पर 25% का इंसेंटिव मिलता था।

नई स्कीम में इंसेंटिव्स प्रोडक्ट्स की चुनौतियों और लोकलाइजेशन के हिसाब से तय होंगे। जिन प्रोडक्ट्स को चीन और वियतनाम से ज्यादा कड़ी टक्कर मिलती है, उन्हें ज्यादा इंसेंटिव मिलेगा। मतलब, जितना ज्यादा लोकलाइजेशन, उतना बड़ा फायदा।

सरकार का लक्ष्य है कि इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट्स में घरेलू योगदान 15-18% से बढ़ाकर पहले 35-40% और आगे चलकर 50% तक किया जाए।

साथ ही, स्मार्टफोन PLI स्कीम को भी इस नई स्कीम में मिलाने की योजना है। स्मार्टफोन PLI स्कीम 2025-26 में खत्म होनी है, लेकिन इसे दो साल और बढ़ाया जा सकता है।

इलेक्ट्रॉनिक कंपनियों की गुहार: टैरिफ घटाएं

बजट 2025 से पहले इलेक्ट्रॉनिक कंपनियों ने सरकार से एक खास गुजारिश की है। उन्होंने कहा है कि पार्ट्स और कंपोनेंट्स पर लगने वाले आयात शुल्क को घटाकर शून्य कर दिया जाए।

ICEA ने कहा कि मौजूदा टैरिफ सिस्टम बहुत जटिल है और इससे भारत की मैन्युफैक्चरिंग कॉस्ट बढ़ जाती है, जिससे ग्लोबल मार्केट में मुकाबला करना मुश्किल हो जाता है।

उन्होंने टीवी ओपन सेल्स और अन्य कंपोनेंट्स पर भी टैरिफ घटाने की मांग की है ताकि लागत कम हो और सप्लाई चेन में सुधार हो सके।

तो, तैयार हो जाइए! नई स्कीम और कम टैरिफ के साथ भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री में बड़ा धमाका होने वाला है। अब देखना यह है कि सरकार कब और कैसे इन मांगों को पूरा करती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *